
अमरोहा के गजरौला नगर में मंगलवार शाम स्वदेशी जागरण मंच ने अमेरिकी टैरिफ नीति और विदेशी आर्थिक दबाव के विरोध में जोरदार प्रदर्शन किया। इंदिरा चौक पर जुटे कार्यकर्ताओं ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का पुतला फूंका और ‘स्वदेशी अपनाओ – विदेशी भगाओ’ के नारे लगाए।
विवरण
- स्थान और समय
- प्रदर्शन अमरोहा जिले के गजरौला शहर के इंदिरा चौक पर मंगलवार शाम आयोजित किया गया।
- कार्यक्रम में स्वदेशी जागरण मंच के कार्यकर्ता, व्यापारी संगठन के सदस्य और सामाजिक संस्थाओं के प्रतिनिधि उपस्थित रहे।
- विरोध का कारण
- अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की टैरिफ नीति और भारत पर दबाव बनाने के प्रयास के खिलाफ यह प्रदर्शन हुआ।
- मंच का आरोप है कि ट्रंप अपनी आर्थिक नीतियों से भारतीय उत्पादों पर बाधाएं डाल रहे हैं, जिससे देश के लघु और मध्यम उद्योग प्रभावित हो सकते हैं।
- स्वदेशी जागरण मंच का रुख
- प्रांत संघर्ष वाहिनी के प्रमुख सुधांशु बिश्नोई (एडवोकेट) ने कहा कि ट्रंप, टैरिफ का सहारा लेकर भारत की अर्थव्यवस्था पर दबाव बनाना चाहते हैं।
- उन्होंने आरोप लगाया कि “ऑपरेशन सिंदूर” की सफलता का श्रेय भी ट्रंप खुद लेना चाहते थे, लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कूटनीति के सामने उनकी रणनीति विफल रही।
- संगठनों की भागीदारी
- व्यापारिक सुरक्षा फोरम, लघु उद्योग भारती और गायत्री परिवार के सदस्यों ने प्रदर्शन में सक्रिय भूमिका निभाई।
- संगठनों ने मंच पर पहुंचकर ‘स्वदेशी का संकल्प’ लिया और भारत में उत्पादन व व्यापार बढ़ाने की आवश्यकता पर जोर दिया।
- व्यापारियों का संदेश
- व्यापारी नेता नवीन गर्ग ने कहा कि देश के छोटे और मझोले उद्योग विदेशी कंपनियों के अनुचित दबाव का सामना कर रहे हैं।
- उन्होंने अपील की कि व्यापारी वर्ग विदेशी उत्पादों और कंपनियों के प्रसार के खिलाफ सजग रहें और ग्राहकों को स्वदेशी उत्पाद खरीदने के लिए प्रेरित करें।
- उत्पादन बढ़ाने पर जोर
- जिला संयोजक वेद प्रकाश चौहान ने कहा कि “भारत अगर अपने उत्पादन को बढ़ाता है, तो आत्मनिर्भर बनने का लक्ष्य आसानी से प्राप्त किया जा सकता है।”
- उन्होंने सुझाव दिया कि घरेलू उद्योगों को तकनीकी सहयोग और वित्तीय सहायता बढ़ाकर विदेशी सामान के विकल्प तैयार किए जाएं।
- घर-घर स्वदेशी अभियान
- हिमाचल यदुवंशी ने लोगों से घर-घर जाकर स्वदेशी जागरण का संदेश फैलाने का आह्वान किया।
- उनका कहना था कि जब आम नागरिक स्वदेशी को जीवनशैली में शामिल करेगा, तभी यह आंदोलन सफल होगा।
- नारे और माहौल
- प्रदर्शन के दौरान “विदेशी पूंजीवाद मुर्दाबाद”, “स्वदेशी अपनाओ – देश बचाओ” जैसे नारे गूंजते रहे।
- पुतला दहन के बाद कार्यकर्ताओं ने संकल्प लिया कि वे विदेशी उत्पादों का बहिष्कार करेंगे और देशी उद्योगों का समर्थन करेंगे।
- मुख्य उपस्थित लोग
- इस मौके पर शुभम, मनमोहन जैन, राम रतन सिंह, सुलभ, दयानंद शर्मा, सचिन और अंकुश सहित कई कार्यकर्ता मौजूद रहे।
- सभी ने मिलकर स्वदेशी आंदोलन को जन-जन तक पहुंचाने का वादा किया।
- भविष्य की योजना
- कार्यक्रम के अंत में तय किया गया कि आने वाले हफ्तों में जागरूकता रैलियां और स्वदेशी मेले आयोजित किए जाएंगे।
- स्कूली और कॉलेज के छात्रों को भी इस मुहिम से जोड़ने की योजना बनाई गई है, ताकि नई पीढ़ी स्वदेशी के महत्व को समझ सके।
विशेष टिप्पणी
स्वदेशी जागरण मंच का यह प्रदर्शन ना केवल अमेरिकी टैरिफ नीति के खिलाफ था, बल्कि यह भारत में आत्मनिर्भरता और घरेलू उद्योगों को बढ़ावा देने का संदेश भी दे रहा था। कार्यकर्ताओं का मानना है कि यदि विदेशी निवेश और उत्पादों पर अंधाधुंध निर्भरता कम की जाए, तो भारत की आर्थिक स्थिति और मजबूत हो सकती है।